Bank Loan लेना आज के समय में बहुत आम बात हो गई है। चाहे घर बनवाना हो, पढ़ाई करनी हो, बिजनेस शुरू करना हो या किसी इमरजेंसी को संभालना हो – लोन एक ऐसा Option बन चुका है जो तुरंत फाइनेंशियल सपोर्ट दे देता है। लेकिन लोन लेते समय सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि ब्याज दर कितनी लगेगी। अगर ब्याज दर ज्यादा है तो EMI भी ज्यादा होगी, और लोन चुकाना बोझ बन जाएगा। इसलिए अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि कम ब्याज दर पर लोन कैसे लिया जा सकता है। सही जानकारी और सही तैयारी से आप बैंक को कम इंटरेस्ट रेट पर लोन देने के लिए मना सकते हैं।
आपकी क्रेडिट हिस्ट्री आपकी साख बताती है
कम ब्याज दर पर लोन पाने की सबसे पहली और जरूरी शर्त होती है आपकी क्रेडिट हिस्ट्री यानी CIBIL स्कोर। अगर आपका CIBIL स्कोर 750 या उससे ऊपर है, तो बैंक को लगता है कि आप एक जिम्मेदार कर्जदाता हैं, और समय पर लोन चुका सकते हैं। इससे बैंक को रिस्क कम लगता है, और वह आपको कम ब्याज पर लोन देने के लिए तैयार हो सकता है। अगर आपका CIBIL स्कोर कम है, तो सबसे पहले आपको उसे सुधारने की जरूरत होती है। इसके लिए आपको अपने पुराने लोन या क्रेडिट कार्ड के बकाए को समय पर चुकाना चाहिए और नए लोन लेने से बचना चाहिए। अच्छा स्कोर कम ब्याज दर का पहला रास्ता होता है।

सही लोन टाइप और सही बैंक का चुनाव करें
हर बैंक और हर लोन टाइप की अपनी एक ब्याज दर होती है। पर्सनल लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन, कार लोन – इन सभी के इंटरेस्ट रेट अलग-अलग होते हैं। इसके अलावा अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों में भी फर्क होता है। इसलिए जरूरी है कि आप लोन लेने से पहले सभी बैंकों की तुलना करें और देखें कि कौन-सा बैंक आपके लिए बेहतर डील दे रहा है। इसके लिए आप बैंक की वेबसाइट पर जाकर या फाइनेंशियल पोर्टल्स के ज़रिए तुलना कर सकते हैं। कई बार बैंक प्रमोशनल ऑफर्स के तहत सीमित समय के लिए कम ब्याज दर पर लोन देते हैं, जिन्हें पकड़ लेना एक समझदारी भरा कदम होता है।
सैलरी, नौकरी और इनकम स्टेबिलिटी का असर
बैंक लोन देते समय यह भी देखता है कि आपकी इनकम कितनी है, कितनी स्थिर है, और आप किस सेक्टर में काम करते हैं। अगर आप सरकारी नौकरी में हैं या किसी रेप्युटेड कंपनी में लंबे समय से काम कर रहे हैं, तो बैंक को आप पर भरोसा ज्यादा होता है। इसका फायदा यह होता है कि बैंक आपको कम ब्याज दर पर लोन ऑफर करता है, क्योंकि उसे भरोसा होता है कि आप लोन समय पर चुका देंगे। वहीं अगर आपकी नौकरी फ्रीलांसिंग जैसी अनिश्चित प्रवृत्ति वाली है, तो बैंक थोड़ा हिचकिचा सकता है और ब्याज दर बढ़ा सकता है। इसलिए आपकी फाइनेंशियल प्रोफाइल जितनी मजबूत होगी, लोन उतना ही सस्ता मिलेगा।
को-एप्लिकेंट और गारंटर भी बना सकते हैं लोन आसान
अगर आपकी सैलरी कम है या CIBIL स्कोर बहुत ज्यादा अच्छा नहीं है, तो भी आप कम ब्याज पर लोन पा सकते हैं – बस आपको सही रणनीति अपनानी होगी। आप किसी ऐसे व्यक्ति को को-एप्लिकेंट बना सकते हैं जिसकी इनकम अच्छी हो और क्रेडिट स्कोर मजबूत हो। इससे बैंक को लगता है कि अगर एक व्यक्ति चुकाने में असमर्थ रहा, तो दूसरा उसे सपोर्ट कर सकता है। कई बार बैंक गारंटर की भी मांग करते हैं जो लोन की सुरक्षा देता है। को-एप्लिकेंट या गारंटर की मदद से न केवल लोन मिलने की संभावना बढ़ती है बल्कि ब्याज दर भी कम हो सकती है।
सिक्योर्ड लोन में ब्याज दर होती है कम
लोन दो प्रकार के होते हैं – सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड। सिक्योर्ड लोन वह होते हैं जिनमें आप बैंक के पास कुछ गिरवी रखते हैं, जैसे घर, एफडी, प्रॉपर्टी या गोल्ड। ऐसे लोन में बैंक को रिस्क कम होता है, इसलिए ब्याज दर भी कम होती है। उदाहरण के लिए गोल्ड लोन, होम लोन, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी जैसे Optionों में ब्याज दर 8% से 10% के बीच हो सकती है, जबकि पर्सनल लोन की ब्याज दर 12% से 18% या उससे भी ज्यादा हो सकती है। अगर आपके पास कुछ गिरवी रखने के लिए है, तो सिक्योर्ड लोन लेना कम ब्याज में फंड पाने का अच्छा तरीका हो सकता है।
सही डॉक्यूमेंटेशन और नेगोशिएशन भी जरूरी है
लोन लेने में डॉक्यूमेंटेशन बहुत अहम रोल निभाता है। अगर आपके सारे डॉक्यूमेंट्स जैसे इनकम प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, आईडी प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट आदि साफ और पूरी जानकारी के साथ होते हैं, तो बैंक को आपकी प्रोफाइल प्रोसेस करने में आसानी होती है। साथ ही लोन अप्रूवल जल्दी होता है और आप अच्छे ऑफर के लिए बातचीत कर सकते हैं। बहुत बार ग्राहक बैंक से बातचीत नहीं करते और जो ब्याज दर दी जाती है, उसी पर लोन ले लेते हैं। लेकिन अगर आप अपने अच्छे क्रेडिट स्कोर और इनकम के आधार पर बैंक से थोड़ी बातचीत करें तो आपको और भी कम रेट मिल सकता है। बैंक भी ऐसे ग्राहकों को आकर्षित करना चाहता है जो भरोसेमंद हों।
EMI कैलकुलेटर से पहले से करें प्लानिंग
लोन लेने से पहले EMI कैलकुलेटर की मदद लेना एक समझदार कदम होता है। इससे आपको पहले ही अंदाजा लग जाता है कि कितनी रकम लोन लेने पर कितनी EMI बनेगी और वह आपकी सैलरी में मैनेज हो पाएगी या नहीं। इससे आपको ब्याज दर के अनुसार लोन टेन्योर यानी अवधि चुनने में भी आसानी होती है। लंबे समय का लोन लेने से EMI कम होती है लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है, जबकि छोटा लोन जल्दी खत्म होता है लेकिन EMI थोड़ी ज्यादा होती है। इसलिए पहले से EMI प्लान करके ही लोन लेना चाहिए, ताकि भविष्य में परेशानी न हो।
समझदारी और रिसर्च से पाएं सस्ता लोन
कम ब्याज दर पर लोन लेना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है, बस इसके लिए आपको थोड़ी रिसर्च और प्लानिंग करनी होगी। अगर आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट साफ रखें, फालतू लोन से बचें, सही बैंक चुनें और जरूरत पड़ने पर को-एप्लिकेंट जोड़ें, तो आपको बहुत ही कम ब्याज में लोन मिल सकता है। सिक्योर्ड लोन भी एक बढ़िया Option हो सकता है अगर आपके पास कुछ गिरवी रखने लायक चीज हो। सबसे जरूरी बात यह है कि लोन लेने से पहले सोच-समझकर फैसला करें और हमेशा ये तय करें कि EMI आपकी इनकम के अनुसार होनी चाहिए। सस्ता लोन आपकी ज़रूरत को पूरा कर सकता है, लेकिन समझदारी से लिया गया लोन ही आपको फाइनेंशियल तौर पर मजबूत बना सकता है।